“अभी तक मेरा बीमा क्लेम का पैसा नहीं आया?” या “कब आएगा मेरा बीमा क्लेम का पैसा?” ऐसी शिकायते कई लोगो को होती है। हमे समझना होगा कि हमारा क्लेम मिलने में देरी क्यों होती है।
बीमा क्लेम मिलने में देरी होने के 5 कारण
1. बीमा कंपनी को क्लेम कि सूचना देने में देरी
ऐसा कई बार होता है कि हम अपनी कंपनी को क्लेम कि सूचना देने में और क्लेम फॉर्म सबमिट करने में डेरी केर देते है। इसी कारणवश, हमारे क्लेम सेटलमेंट पटोसेस में देरी हो जाती हैं।
2. पालिसी डॉक्यूमेंट खो जाना
पालिसी डॉक्यूमेंट क्लेम प्रोसेस के लिए काफी महत्पूण है। हमे अपनी सारे असली (ओरिजिनल) डाक्यूमेंट्स सुरक्षित जगह पर रखने चाहिए। अगर वें क्लेम के समय न मिले या खो जाए, तो क्लेम प्रोसेस में देरी हो सकती हैं।
3. आवश्यक दस्तावेज़ (डाक्यूमेंट्स) बीमा कंपनी को न देना
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) की गाइड्लाइन्ज़ के हिसाब से टर्नअराउंड टाइम तब से शुरू माना जाएगा जब सारे आवश्यक दस्तावेज़ (डाक्यूमेंट्स ) बीमा कंपनी को दे दिए जाएंगे। अगर आप सारे आवश्यक डाक्यूमेंट्स देने में असफल होते हैं तो आपका पूरा क्लेम सेटलमेंट प्रोसेस विलम्भ हो जाएगा।
4. सारे फैक्ट्स के बारे में कंपनी को न बताना
हमे हमेशा सही और पूरी जानकारी अपनी बीमा कंपनी को देनी चाहिए। अगर ऐसा करने में हम असफ रहते है तो बीमा कंपनी के लिए जांच करना मुश्किल हो जाएगा और क्लेम मिलने में भी देरी हो जाएगी।
5. इन्वेस्टिगेटर/ सर्वेयर से संपर्क में न रहना
बीमा कंपनी सर्वेयर/इन्वेस्टिगेटर को नियुक्त करती है। हमे उनसे संपर्क में रहना चाहिए जिससे हमे समयपूर्वक पता चल जाए की उन्हें कोई और जानकारी की ज़रूरत तो नहीं। अगर आप सर्वेयर के संपर्क में नहीं रहते तो उनको कई प्रश्नों के उत्तर समयोचित नहीं मिलेंगे और क्लेम प्रोसेस में विलम्भ हो जाएगा।
अगर आपने इन बातों का ध्यान रखा है और फिर भी आपका क्लेम सेटलमेंट प्रोसेस विलम्भ हो गया है, तो आप अपनी बीमा कंपनी से संपर्क करें। अगर फिर भी आपका क्लेम सेटल नहीं होता है तो आप इन्सुरेंस समाधान को समपर्क कर सकते हैं। हमने कईं लोगों की मदद करी है जिनके क्लेम प्रोसेस में देरी हो रही थी।
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आईये ऐसा ही एक केस पढ़ते है जिसमें क्लेम प्रोसेस में देरी हो रही थी और इन्सुरेंस समाधान ने क्लेम जल्दी दिलाने में सहायता करी
साक्षी जी की गाड़ी की विंडशील्ड असिडेंटली टूट गयी। उन्होंने अपनी जेब से नई विंडशील्ड के पैसे दिए। उनके पास अपने वाहन (व्हीकल) के लिए एक कम्प्रेहैन्सिव पैकेज बीमा पालिसी थी। उन्होंने विंडशील्ड के टूटने और नई विंडशील्ड खरीदने की सूचना, क्लेम फॉर्म और सबूतों के साथ बीमा कंपनी को दी। उन्हें पूरा भरोसा था कि उनकी बीमा कंपनी जल्द ही उनका रैम्बुरसेमेन्ट क्लेम का पैसा जल्दी ही उन्हें दे देंग। मगर ऐसा नहीं हुआ।
फिर उन्हें किसी से इन्सुरेंस समाधान* के बारे में जानकारी मिली और उन्होंने हमें अपनी परेशानी बताई। हमने उनकी सारी बातें समझकर और उन्हें वेरीफाई करने के बाद उनका केस एक्सेप्ट केर लिया। हमें ये बताते हुए ख़ुशी होती है कि हम उन्हें उनका क्लेम 12 दिन के अंदर दिला पाए।
अगर आपको भी कोई बीमा से सम्बंधित कोई समस्या या शिकायत है तो हमें संपर्क करें। हमने 14500 से भी ज़्यादा लोगों की बीमा से सम्बंधित शिकायतों (क्लेम रिजेक्शन (ख़ारिज), इन्शुरन्स मिस-सेल्लिंग (गलत बीमा बेचा गया), क्लेम मिलने में विलम्ब, अधूरा क्लेम (पार्शियल क्लेम) मिलना आदि) का समाधान निकलने में मद्द करी है । हमे आपकी सहायता करने में भी ख़ुशी मिलेगी।
*इन्सुरेंस समाधान एक प्राइवेट आर्गेनाइजेशन है। इसका भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) से कोई लेना देना नहीं है।
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कैंसर इन्सुरेंस क्लेम रिजेक्शन
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